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Holi 2025 Date

साल 2025 में होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा. इस दिन रंगों वाली होली खेली जाएगी. वहीं, होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा. 

हिंदू पंचांग के मुताबिक, होली का त्योहार हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. साल 2025 में फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च 2025 को शुरू होकर 14 मार्च को खत्म होगी। 

होलिका दहन और होली की तारीखें 

  • होलिका दहन: 13 मार्च, 2025
  • होली: 14 मार्च, 2025
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
  • होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम के समय होता है. 
  • साल 2025 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 10:45 बजे से 1:30 बजे तक रहेगा

Holi Kyu Manaya Jata Hai

Holi भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस त्योहार को रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। इसके पीछे कई पौराणिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कारण हैं।

पौराणिक कारण

  1. प्रह्लाद और होलिका की कथा:
    होली के त्योहार की सबसे प्रसिद्ध कथा प्रह्लाद और होलिका से जुड़ी हुई है। प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे, लेकिन उनके पिता हिरण्यकशिपु ने खुद को भगवान मानने का आदेश दिया था। जब प्रह्लाद ने इसे मानने से इनकार किया, तो हिरण्यकशिपु ने उन्हें मारने के कई प्रयास किए। उसने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी, जिसे वरदान था कि वह आग में नहीं जलेगी। होलिका ने प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठने की योजना बनाई, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से होलिका जल गई और प्रह्लाद सुरक्षित बच गए।
    इस घटना की याद में होलिका दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  2. कृष्ण और राधा की कथा:
    होली का संबंध भगवान कृष्ण और राधा की लीलाओं से भी है। भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ रंग खेलने की परंपरा शुरू की थी। यह प्रेम और आनंद का प्रतीक है।

सांस्कृतिक कारण

  • होली का त्योहार समाज में भाईचारा बढ़ाने और आपसी मतभेद मिटाने का अवसर होता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर और गले मिलकर अपने रिश्तों को और मजबूत करते हैं।

सामाजिक और प्राकृतिक कारण

  • मौसम परिवर्तन: होली का समय सर्दियों के खत्म होने और गर्मियों के शुरू होने का होता है। इस समय शरीर में कई प्रकार के संक्रमण और बीमारियां बढ़ने की संभावना होती है। होलिका दहन से पर्यावरण में शुद्धता आती है और बीमारियों के कीटाणु नष्ट होते हैं।
  • फसल कटाई का उत्सव: होली नई फसल के पकने की खुशी में भी मनाई जाती है। इसे किसानों के लिए खुशी का त्योहार भी माना जाता है।

मनाने का तरीका

  • पहले दिन होलिका दहन किया जाता है।
  • दूसरे दिन रंगों की होली खेली जाती है, जिसमें लोग एक-दूसरे पर रंग और गुलाल लगाते हैं।

इस तरह होली अच्छाई की जीत, प्रेम, एकता और खुशी का संदेश देती है। 🌸

 

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